भारत में उच्च न्यायालय: संरचना, अधिकार क्षेत्र और महत्वपूर्ण तथ्य

भारत में उच्च न्यायालयों की सूची

भारत अपने संघीय ढांचे के साथ एक सुव्यवस्थित और स्वतंत्र न्यायपालिका प्रणाली रखता है। उच्च न्यायालय संविधान की रक्षा करने और राज्य स्तर पर न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस ब्लॉग में हम आपके लिए भारत के सभी उच्च न्यायालयों की विस्तृत सूची, उनके अधिकार क्षेत्र और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य लेकर आए हैं।

उच्च न्यायालय किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का प्रमुख दीवानी न्यायालय होता है जहाँ मूल अधिकार क्षेत्र (Original Jurisdiction) होता है। इसके अलावा यह अधीनस्थ न्यायालयों के मामलों में अपील क्षेत्राधिकार (Appellate Jurisdiction) भी रखता है। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 214 के अंतर्गत स्थापित एक संवैधानिक न्यायालय होता है।

भारत में 25 उच्च न्यायालय हैं, जिनमें से कुछ का अधिकार क्षेत्र एक से अधिक राज्य या केंद्रशासित प्रदेशों पर है।

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नीचे भारत के 25 उच्च न्यायालयों की अद्यतन सूची दी गई है, जिसमें अधिकार क्षेत्र और मुख्य पीठों की जानकारी शामिल है।

उच्च न्यायालय स्थान (मुख्य पीठ) अधिकार क्षेत्र (राज्य/संघ राज्य क्षेत्र)
इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रयागराज, उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय अमरावती आंध्र प्रदेश
बॉम्बे उच्च न्यायालय मुंबई, महाराष्ट्र महाराष्ट्र, गोवा, दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
कलकत्ता उच्च न्यायालय (Note: भारत में सबसे पुराना उच्च न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय है, जिसकी स्थापना 1 जुलाई 1862 को की गई थी।) कोलकाता, पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर छत्तीसगढ़
दिल्ली उच्च न्यायालय नई दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
गौहाटी उच्च न्यायालय गुवाहाटी, असम असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश
गुजरात उच्च न्यायालय अहमदाबाद गुजरात
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला हिमाचल प्रदेश
जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख उच्च न्यायालय श्रीनगर (गर्मी), जम्मू (सर्दी) जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख
झारखंड उच्च न्यायालय रांची झारखंड
कर्नाटक उच्च न्यायालय बेंगलुरु कर्नाटक
केरल उच्च न्यायालय एर्नाकुलम (कोच्चि) केरल और लक्षद्वीप
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर मध्य प्रदेश
मद्रास उच्च न्यायालय चेन्नई तमिलनाडु और पुडुचेरी
मणिपुर उच्च न्यायालय इंफाल मणिपुर
मेघालय उच्च न्यायालय शिलांग मेघालय
ओडिशा उच्च न्यायालय कटक ओडिशा
पटना उच्च न्यायालय पटना बिहार
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ (संघ राज्य क्षेत्र)
राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर राजस्थान
सिक्किम उच्च न्यायालय गंगटोक सिक्किम
तेलंगाना उच्च न्यायालय हैदराबाद तेलंगाना
त्रिपुरा उच्च न्यायालय अगरतला त्रिपुरा
उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड
  • सबसे पुराना उच्च न्यायालय: कलकत्ता उच्च न्यायालय (1862)
  • सबसे नया उच्च न्यायालय: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना उच्च न्यायालय (2019 में स्थापित)
  • सबसे बड़ा उच्च न्यायालय: इलाहाबाद उच्च न्यायालय – 160 स्वीकृत न्यायाधीश
  • सबसे छोटा उच्च न्यायालय: सिक्किम उच्च न्यायालय – केवल 3 स्वीकृत न्यायाधीश
  • साझा उच्च न्यायालय: कुछ उच्च न्यायालय एक से अधिक राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे: बॉम्बे उच्च न्यायालय (महाराष्ट्र, गोवा, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव), गौहाटी उच्च न्यायालय (असम, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश)
  • सबसे बड़ा क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र: गौहाटी उच्च न्यायालय
  • कुल स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या: लगभग 1,100 (न्याय विभाग के अनुसार)
  • कुछ उच्च न्यायालयों की कई पीठें हैं, जैसे: लखनऊ, मदुरै, नागपुर आदि।
  • न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श लिया जाता है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष होती है।
  • अनुच्छेद 214: उच्च न्यायालयों की स्थापना
  • अनुच्छेद 226: उच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति
  • अनुच्छेद 230: केंद्रशासित प्रदेशों में अधिकार क्षेत्र का विस्तार

भारत में उच्च न्यायालयों को निम्नलिखित शक्तियाँ प्राप्त हैं:

  • मूल अधिकार क्षेत्र: जैसे – मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर रिट याचिकाओं की सुनवाई
  • अपील क्षेत्राधिकार: अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णयों की समीक्षा
  • पर्यवेक्षण अधिकार क्षेत्र: अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले अधीनस्थ न्यायालयों की निगरानी
  • न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review): यह सुनिश्चित करना कि कानून और कार्यपालिका की गतिविधियाँ संविधान के अनुरूप हों

UPSC एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भारतीय राजव्यवस्था (Polity) और शासन प्रणाली (Governance) के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की संरचना और कार्य प्रणाली को समझना अत्यंत आवश्यक है। मुख्य फोकस बिंदु:

  • उच्च न्यायालयों की स्थापना और अधिकार क्षेत्र
  • संविधानिक मूल्यों की रक्षा में इनकी भूमिका
  • उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के बीच का अंतर
  • हालिया न्यायिक सुधार एवं न्यायाधीशों की नियुक्तियाँ
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यहाँ भारत में उच्च न्यायालयों से संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले परीक्षा प्रश्न दिए गए हैं, जो विशेष रूप से SSC, UPSC, राज्य लोक सेवा आयोग, रेलवे और न्यायिक परीक्षाओं में पूछे जाते हैं:

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