भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता

भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता

भारत ने विश्व मंच पर कई ऐसे महान व्यक्तित्व दिए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान, समर्पण और सेवाभाव से मानवता को नई दिशा दी है। नोबेल पुरस्कार, जो विश्व का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है, भारत के कई लोगों को मिला है। आइए जानते हैं उन भारतीयों के बारे में जिन्हें यह गौरव प्राप्त हुआ।

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रवींद्रनाथ ठाकुर (Tagore) को 1913 में “गीतांजलि” काव्य संग्रह के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला। वे पहले एशियाई थे जिन्हें यह सम्मान मिला।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन को “रमन प्रभाव” की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर एक और भारतीय मूल के नोबेल पुरस्कार विजेता हैं जिन्हें भौतिकी में यह सम्मान मिला। उन्होंने तारों की संरचना और विकास के सैद्धांतिक पहलुओं पर शोध किया, खासकर श्वेत बौनों पर। उनकी खोजों ने तारकीय खगोल भौतिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया और उन्हें नोबेल पुरस्कार विजेता बनाया। उनके आगे के कार्यों ने आधुनिक खगोल भौतिकी के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारतीय-अमेरिकी जैव रसायन वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना को 1968 में शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने आनुवंशिक कोड और कोशिका के भीतर उसकी कार्यप्रणाली व प्रोटीन निर्माण पर इसके प्रभाव का अध्ययन कर जैविक अनुसंधान की दिशा ही बदल दी। यह आनुवंशिकी में छिपे रहस्यों को समझने की पहली सफल कोशिश थी, जिसे आणविक जीवविज्ञान ने आगे और विकसित किया। उनकी असाधारण उपलब्धियों ने उन्हें आधुनिक जैव रसायन विज्ञान का एक अग्रणी चेहरा बना दिया।

मूल रूप से अल्बानिया की रहने वाली मदर टेरेसा ने भारत में गरीबों और बीमारों की सेवा की और उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अमर्त्य सेन को उनके कल्याणकारी अर्थशास्त्र और सामाजिक न्याय के कार्यों के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।

जन्म से भारतीय और अमेरिका के नागरिक वेंकटरमण को राइबोसोम की संरचना पर कार्य के लिए यह पुरस्कार मिला।

कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के अधिकारों और बाल श्रम के खिलाफ संघर्ष किया। उन्हें मलाला यूसुफजई के साथ शांति का नोबेल मिला।

अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर के साथ, 2019 में गरीबी उन्मूलन पर उनके काम के लिए आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। गरीबी को समझने के लिए उनका प्रयोगात्मक दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय विकास नीति पर गहरा प्रभाव डाल चुका है और उनके कार्य ने वैश्विक स्तर पर नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही कारण है कि वे आर्थिक विज्ञान में भारत के सबसे प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेताओं में से एक बन गए हैं।

वर्ष विजेता श्रेणी योगदान
1913 रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य गहरी संवेदनशीलता, नवीनता और सुंदर कविता के लिए
1930 सी. वी. रमन भौतिकी रमन प्रभाव की खोज के लिए
1968 हर गोविंद खुराना चिकित्सा आनुवंशिक कोड और प्रोटीन संश्लेषण पर अनुसंधान
1979 मदर टेरेसा शांति मिशनरीज ऑफ चैरिटी के माध्यम से मानवतावादी कार्य
1983 सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर भौतिकी तारों की संरचना और विकास पर अध्ययन
1998 अमर्त्य सेन आर्थिक विज्ञान कल्याणकारी अर्थशास्त्र और सामाजिक विकल्प सिद्धांत में योगदान
2009 वेंकटरमण रामकृष्णन रसायन विज्ञान राइबोसोम की संरचना और कार्य पर अध्ययन
2014 कैलाश सत्यार्थी शांति बाल श्रम के खिलाफ अभियान और बच्चों के अधिकारों के लिए वकालत
2019 अभिजीत बनर्जी आर्थिक विज्ञान वैश्विक गरीबी को दूर करने के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण
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यहाँ भारत के नोबेल पुरस्कार विजेताओं से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्नों (FAQs) के उत्तर हिंदी में दिए गए हैं:

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